कला, संस्कृति और भारतीय विरासत को महत्वपूर्ण रूप से उजागर करने वाले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले में आयोजित भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक (आईएएडीबी) 2023 का उद्घाटन किया। उन्होंने लाल किले में ‘आत्मनिर्भर भारत सेंटर फॉर डिज़ाइन’ का उद्घाटन करके इस संदेश को दिया कि कला, संस्कृति और विरासत भारतीय समाज की भविष्यवाणी हो सकती है।
श्री मोदी ने इस अवसर पर सांस्कृतिक स्थलों का अनावरण किया, जो पांच महानगरों में स्थापित किए गए हैं, और उन्हें संस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रमोट करने का नया पहलू दिखाया। इसके अलावा, उन्होंने भारतीय विरासत के महत्व को बढ़ावा देने के लिए काशी और केदारनाथ में सांस्कृतिक केंद्रों के विकास के प्रयासों की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने आईएएडीबी की महत्ता पर भी जोर दिया, जिससे भारत वैश्विक संग्रहालयों की एक नई पहचान बना सके। उन्होंने इस प्लेटफ़ॉर्म को भारतीय कला और डिज़ाइन को विश्वस्तरीय स्तर पर पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण माना। वे इससे संस्कृति, रचनात्मकता, और सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देने का मिश्रण मानते हैं।
श्री मोदी ने इस संदेश को दिया कि कला और संस्कृति के माध्यम से ही भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़कर दुनिया को साथ लाने में सक्षम हो सकता है। उन्होंने भारतीय कला को एक नई दिशा देने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत सेंटर फॉर डिज़ाइन’ के महत्व को बताया, जो भारतीय कलाकारों को विश्व स्तरीय मंच पर पहुंचने में मदद करेगा।
उन्होंने स्थानीय कला, संस्कृति, और विषयों को समृद्ध करने के लिए भी काम किया है, ताकि भारतीय समृद्धि का प्रतिनिधित्व किया जा सके। इससे न केवल कला और संस्कृति को समर्थन मिलेगा, बल्कि यह भारत की परंपराओं और समृद्धि को बढ़ावा देने में मदद करेगा।